Uttarakhand: चारधाम यात्रा में भीड़ नियंत्रण को लेकर एसडीसी फाउंडेशन का सुझाव – धारण क्षमता के हिसाब से तय हो श्रद्धालुओं की संख्या

एसडीसी फाउंडेशन ने चारधाम यात्रा को लेकर सरकार को सुझाव दिए हैं। उन्होंने पिछली यात्रा की समीक्षा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार सरकार ने हर श्रद्धालु को धामों में जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इससे भारी भीड़ जुटने और अव्यवस्था होने की आशंका है।

एसडीसी फाउंडेशन ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि चारधाम यात्रा के दौरान हर धाम की क्षमता के अनुसार प्रतिदिन यात्रियों की संख्या तय की जाए। अगर तीर्थ यात्रियों की संख्या पर नियंत्रण नहीं रखा गया, तो भीड़ प्रबंधन में दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने पिछली यात्रा की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस बार सभी श्रद्धालुओं को धामों में जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। हर साल यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इस बार पिछले साल से भी ज्यादा तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद है।

उठाए सवाल

ऐसी स्थिति में धामों में भारी भीड़ जुटने और अव्यवस्था होने की पूरी संभावना है। एसडीसी फाउंडेशन ने 2024 की चारधाम यात्रा पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें 192 दिनों तक चलने वाली यात्रा के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का विश्लेषण किया गया था। इस दौरान करीब 48 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने चारधाम और हेमकुंड साहिब के दर्शन किए।

रिपोर्ट में बताया गया कि यात्रा के पहले महीने में 41 प्रतिशत श्रद्धालु चारधाम पहुंचे, जबकि बाकी पांच महीनों में 59 प्रतिशत यात्रियों ने दर्शन किए। अनूप नौटियाल ने सवाल उठाया कि जब तीर्थ यात्रियों की संख्या की कोई सीमा तय नहीं की गई है, तो फिर स्लॉट बुकिंग का क्या औचित्य रह जाता है।

अगर सभी को धामों में जाने की अनुमति दी जा रही है, तो सभी का पंजीकरण होना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यात्रा रजिस्ट्रेशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसलिए सरकार को धामों की क्षमता के अनुसार प्रतिदिन तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित करनी चाहिए।