2027 तक 30 हजार करोड़ निवेश और 70 पीपीपी परियोजनाओं पर काम शुरू

राज्य की आर्थिकी में पर्यटन का 10 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 15 प्रतिशत योगदान करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

वर्ष 2027 तक प्रदेश में पर्यटन और इसके सहायक क्षेत्रों में 20 लाख लोगों को काम मिलेगा। 30 हजार करोड़ रुपये का पर्यटन क्षेत्र में निवेश का लक्ष्य रखते हुए काम किया जा रहा है। साथ ही, वेड इन इंडिया नामक पर्यटन स्थलों को विकसित करने में 150 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की आर्थिकी में पर्यटन का 10 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 15 प्रतिशत योगदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अनुसार, वर्ष 2030 तक पर्यटन क्षेत्र में 40 हजार करोड़ का निवेश और कम से कम 100 पीपीपी मोड की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। 2027 तक तीस हजार करोड़ रुपये का निवेश और सत्तर पीपीपी परियोजनाओं पर काम शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्य में 20 लाख नौकरियां पैदा होंगी अगर पर्यटन और सहायक क्षेत्रों में कम से कम 30 प्रतिशत महिलाएं काम करेंगी। 10 लाख लोगों का कौशल पर्यटन और इसके सहायक क्षेत्रों में विकसित होगा। पर्यटकों की निवास अवधि को चार से पांच दिन बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। वहीं, गैर धार्मिक उद्देश्यों के लिए आने वाले विदेशी पर्यटकों का अनुपात पांच प्रतिशत होगा।

सोशल मीडिया ने पर्यटन को बढ़ावा देने का भी काम किया है। पर्यटन निवेश सहायता केंद्र भी बनाया गया है जो निवेश को बढ़ाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंड में वेड इन इंडिया को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। अब तक वेडिंग डेस्टिनेशन में 150 करोड़ का निवेश हुआ है। यह आने वाले समय में और बढ़ जाएगा।