200 किसानों के ट्यूबवेल सौर ऊर्जा से होंगे संचालित, पहले आओ-पहले पाओ पर मिलेंगे प्रोजेक्ट

प्रदेश के 200 किसानों के ट्यूबवेल अब सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना के तहत आवेदन शुरू हो गए हैं। रुड़की और काशीपुर में यह प्रोजेक्ट पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिए जाएंगे।

उत्तराखंड के 200 किसानों के ट्यूबवेल अब सौर ऊर्जा से संचालित होंगे, जिससे उन्हें बिजली के भारी बिलों से छुटकारा मिलेगा। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना (पीएम कुसुम योजना) के अंतर्गत पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में 200 किसानों को यह सुविधा प्रदान की जाएगी।

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत रुड़की विद्युत वितरण खंड नगर के 11 केवी कोटा मुरादनगर और 11 केवी मनुबास फीडर के साथ-साथ काशीपुर के 11 केवी मानपुर पीटीडब्ल्यू और 11 केवी हरिनगर फीडर से जुड़े किसानों को ट्यूबवेल पर सोलर सिस्टम लगाने की सुविधा पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दी जाएगी।

इस योजना के तहत किसान 6 किलोवाट और 10 किलोवाट के सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं। आवेदन करने के बाद किसानों को सात दिनों के भीतर 2,000 रुपये शुल्क जमा करना होगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार से अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।

6 किलोवाट सोलर सिस्टम के लिए किसानों को 1,01,054 रुपये और 10 किलोवाट के लिए 1,91,830 रुपये उपभोक्ता अंश के रूप में जमा करने होंगे। यदि 14 दिनों के भीतर यह राशि जमा नहीं की गई, तो आवेदन रद्द हो जाएगा और 2,000 रुपये का शुल्क भी जब्त कर लिया जाएगा। आवेदन के लिए किसानों को भूमि की खतौनी या खसरे की प्रति, आवेदक का नवीनतम फोटो, और संबंधित भूमि पर ट्यूबवेल के वैध बिजली कनेक्शन का बिल अपलोड करना आवश्यक होगा।

किस सोलर सिस्टम में कितना आएगा खर्च, कितनी छूट

सोलर सिस्टम की क्षमता कुल लागत- केंद्रीय अनुदान- राज्य अनुदान किसान का खर्च

6 किलोवाट 3,37,303- 1,47,656- 88,593 1,01,054

10 किलोवाट 5,62,172- 2,31,464- 1,38,878 1,91,830