“पंप स्टोरेज पॉलिसी से सस्ती बिजली उत्पादन में प्रदेश को होंगे ये फायदे”

दिन में, सौर ऊर्जा या अन्य सस्ते ऊर्जा स्रोतों से पानी को ऊपर की ओर पंप किया जाएगा। इसके बाद, रात को, जब बिजली की महंगी मांग होगी, तो परियोजना में बिजली उत्पादन किया जाएगा।

राज्य में, सरकार ने सस्ती बिजली की आपूर्ति के लिए पंप स्टोरेज पॉलिसी को लागू किया है। इसके माध्यम से, नदियों पर परियोजनाएं चलाने वालों को 12.5 प्रतिशत रॉयल्टी देने की आवश्यकता नहीं होगी, और उन्हें स्थानीय क्षेत्र विकास और पारेषण शुल्क में छूट मिलेगी। इस नीति के अनुसार, सस्ती बिजली का उत्पादन दिन में सौर ऊर्जा या अन्य सस्ते ऊर्जा स्रोतों से किया जाएगा और इसका उपयोग पीक समय में किया जाएगा, जब बिजली की मांग अधिक होगी।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नीति में परियोजनाओं के त्वरित विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय पारेषण शुल्क, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि, निशुल्क विद्युत रॉयल्टी (12.5 प्रतिशत), भूमि पर हस्तांतरण, त्वरित अनुमति प्राप्त करने की सुविधा, जलकर और सरकारी भूमि को 45 वर्षों के लिए सर्किल दर पर वार्षिक पट्टा दर पर छूट दी जाएगी।

निजी निवेशकों का चयन टेंडर के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले से चल रही नदियों पर परियोजनाओं की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी अवधि 45 साल होगी, फिर वो सरकार के पास जाएंगी। नदियों पर निर्दिष्ट क्षेत्रों में परियोजनाएं बनाने के लिए निजी निवेशकों का चयन टेंडर के माध्यम से किया जाएगा, जिन्हें अपने प्रस्ताव सरकार के सामने रखने का अधिकार होगा। इसके साथ ही, ऑन स्ट्रीम और ऑफ स्ट्रीम परियोजनाएं भी शुरू की जा सकेंगी, और परियोजना का निर्माण तीन साल के भीतर होना चाहिए।

गैस प्लांट से मिलने वाली सस्ती बिजली के बारे में भी बताया गया है, जिसमें वैट शून्य होगा। यह लिक्विफाइड गैस की तर्ज पर है और काशीपुर में स्थित गैस आधारित बिजली प्लांट को सीएनजी से आपूर्ति की जाएगी, जिससे बिजली सस्ती होगी और प्रदेश में बिजली की कमी को दूर किया जा सकेगा।