उत्तराखंड में तीन दिन में जंगलों में 56 जगह आग लगी 73 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र इससे प्रभावित

गर्मी बढ़ने के साथ ही जगह-जगह आग लग रही हैं। बुधवार को गढ़वाल और कुमाऊं में ३१ स्थानों पर जंगलों में आग लगी। किंतु बृहस्पतिवार को वनाग्नि प्रकरणों में राहत मिलेगी।

इस साल उत्तराखंड में जंगल पूरी गर्मी से धधक रहेंगे, लेकिन आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर नहीं आएंगे। मुख्य वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया कि जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए हेलिकॉप्टरों से मदद लेने का कोई प्रस्ताव नहीं है और विभाग को इसकी आवश्यकता नहीं है।

प्रदेश के जंगलों में आग लगातार बढ़ रही है। तेज गर्मी से स्थानीय आग लगने लगी हैं। बुधवार को 31 स्थानों पर गढ़वाल और कुमाऊं में जंगलों में आग लगी। किंतु बृहस्पतिवार को वनाग्नि प्रकरणों में राहत मिलेगी। पिछले 24 घंटे में गढ़वाल, कुमाऊँ और वन्यजीव क्षेत्र में 9 प्रकरणों में वनाग्नि हुई है, जिससे 10 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही क्रू टीम मौके पर जाकर आग बुझा रही है। विभाग में फायर वाचर और कुछ नए कर्मचारी हैं। राज्य वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कक्ष को जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही टीम को जल्द से जल्द मौके पर भेजा जाता है। कुछ स्थानों पर जंगलों के निकट खेतों में खरपतवार जलाने से जंगलों में आग फैलने की शिकायत मिली है, इसके बारे में ग्रामीणों को भी जानकारी दी जा रही है।

2020-21 में जंगलों में आग लगने पर हेलिकॉप्टर की मदद मिली दुनिया भर में जंगलों में आग लगने पर हेलिकॉप्टर की मदद मिली। यह एक लचीली बाल्टी या बेली टैंक है। ये हेलीकॉप्टर हर बार आग पर उड़ान भरने पर चार हजार लीटर पानी गिराते हैं। देश में जंगलों की आग बुझाने में वायुसेना के एमआई 17-वी 5 हेलीकॉप्टर काफी कारगर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020–2021 में उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर से जंगलों की आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन यह प्रयास असफल रहे।

उत्तराखंड में तीन दिन में जंगलों में 56 जगह आग लगी 73 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र इससे प्रभावित हुए हैं। कुल मिलाकर, अब तक वनाग्नि की 131 घटनाओं ने 188 हेक्टेयर से अधिक जमीन को नुकसान पहुंचाया है। बृहस्पतिवार को नैनीताल वन प्रभाग में दो, तराई पूर्वी वन प्रभाग में पांच, लैंसडाउन वन प्रभाग में एक और राजाजी टाइगर रिजर्व में एक वनाग्नि का मामला सामने आया है।