भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड को लेकर कांग्रेस की ‘पैरवी’ से बढ़ रही धामी सरकार की चिंता।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

उत्तराखंड : उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के लिए चार दिन का मानसून सत्र 7 महीनों के अंदर होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिशा और दशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पक्ष और विपक्ष की कोशिश है कि मानसून सत्र के दौरान चुनाव के लिए अपने आपको तैयार कर लिया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अनुपूरक बजट को ‘लोकलुभावन’ के साथ कई महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पारित कराने जा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। ‘विपक्ष देवस्थानम बोर्ड, भू- कानून के साथ महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर आक्रामक बना हुआ है’। विपक्ष ने सत्र के दौरान सरकार को घेरने की योजना बनाई है। वहीं सरकार ने भी विपक्ष को जवाब देने के लिए अपनी रणनीति तैयार की है। ‘स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि विपक्ष के सभी सवालों का सदन में जवाब दिया जाएगा। विपक्षी चाहे जितना होमवर्क करके आए सरकार पूरी तरह से तैयार है’। यहां हम आपको बता दें कि धामी सरकार के लिए मानसून सत्र का दूसरा दिन अहम है। आज विधानसभा में सरकार महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। सोमवार को सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों इंदिरा हृदयेश, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, समेत सात पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई, जिसकी वजह से सदन में कोई काम नहीं हो सका। आज सदन में हंगामे के आसार हैं। कांग्रेस ‘भू-कानून लागू करने और देवस्थानम बोर्ड’ को भंग करने के लिए जबरदस्त ‘पैरवी’ कर प्रदेश सरकार पर दबाव बनाएगी । गौरतलब है कि प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव से पहले भू-कानून का मुद्दा गर्माया हुआ है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर विपक्ष पहले से ही मुहिम चला रहा है। कांग्रेस भू-कानून के साथ देवस्थानम बोर्ड मामले को अपने पक्ष में कर भाजपा को घेरना चाह रही है। दूसरी ओर मंगलार सुबह मुख्यमंत्री आवास पर देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी और केदारनाथ की पूर्व विधायक शैलारानी रावत के नेतृत्व में केदारनाथ व बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की है। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड से तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज को किसी प्रकार का अहित नहीं होने दिया जाएगा ।

चुनावी साल में प्रदेश की जनता को नाराज नहीं करना चाहती है सत्तारूढ़ भाजपा—

सत्ताधारी भाजपा सरकार किसी भी मुद्दे पर प्रदेश की जनता को ‘नाराज’ करना नहीं चाहती है। भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड के मामले धामी सरकार के लिए जरूर ‘चिंता’ बढ़ा रहे हैं। चारों धाम के पुरोहितों का दर्जन भर विधानसभा सीटों पर असर माना जाता है । ऐसे में ​भाजपा के लिए चुनावी साल में इस मसले को सुलझाना जरूरी है। यह दोनों मामले उत्तराखंड की राजनीति में पिछले कई महीनों से गर्माए हुए हैं । कांग्रेस पार्टी दोनों मुद्दों को हवा दे रही है। मालूम हो कि बीजेपी की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने चारों धामों के लिए देवस्थानम बोर्ड बनाया था, जिसका पहले ही दिन से स्थानीय लोग और पुरोहित विरोध कर रहे हैं। ऐसे में मानसून सत्र को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने अपने मुद्दों को लेकर रणनीति तैयार कर ली है। सत्ताधारी बीजेपी जहां विकास कार्यों के लिए जरूरी बजट और जरूरी विधेयकों को सदन में रखने की प्लानिंग में जुटी है। वहीं कांग्रेस देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून को लेकर सरकार की मुश्किल खड़ी कर रही है।

धामी सरकार आज अनुपूरक बजट के साथ छह महत्त्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी—

सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की ओर से सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को 5370 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश करने के साथ छह विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शाम चार बजे अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इसके साथ 6 महत्वपूर्ण बिल भी पेश होंगे, जिनमें आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक। डीआइटी विश्वविद्यालय(संशोधन) विधेयक। उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक। हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक। उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) विधेयक। उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रविधान (संशोधन) विधेयक पेश किए जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सदन में भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड मामले को लेकर सरकार से सीधा जवाब मांगेंगे। इसके साथ विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी आदि मामलों में सत्ता पक्ष से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है।

24 thoughts on “भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड को लेकर कांग्रेस की ‘पैरवी’ से बढ़ रही धामी सरकार की चिंता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *