नागरिक कानून प्रदेश में लागू होने के बाद, लिव इन रिलेशनशिप के वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य
इन रिलेशनशिप में बस एक व्यस्क पुरुष और वयस्क महिला रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित नहीं होने चाहिए, या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए।
यही नागरिक कानून प्रदेश में लागू होने के बाद, लिव इन रिलेशनशिप के वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर युगल को छह महीने का कारावास या 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। उन्हें रजिस्ट्रेशन के आधार पर किराए पर घर, हॉस्टल या पीजी मिल सकता है। धामी सरकार को हाल ही में सौंपे गए यूसीसी ड्राफ्ट में यह प्रावधान है, सूत्रों ने बताया।
USCIS ने लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट परिभाषित किया है। इसके अनुसार, एक लिव इन रिलेशनशिप में बस एक व्यस्क पुरुष और वयस्क महिला रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित नहीं होने चाहिए, या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
पंजीकरण की रसीद रजिस्ट्रार को दी जाएगी और माता-पिता और अभिभावक को जानकारी दी जाएगी।
पंजीकरण के उपरांत रजिस्ट्रार उन्हें पंजीकरण की रसीद देगा। वह उसी रसीद पर युगल किराए पर घर, हॉस्टल या पीजी ले सकेगा। पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति को उनके माता-पिता या अभिभावक को जानकारी देनी होगी।
लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चे को जायज बच्चा माना जाएगा और जैविक संतान के सभी अधिकार मिलेंगे। साथ ही, घर में रहने वाले हर व्यक्ति को संबंध विच्छेद का पंजीकरण कराना होगा।