उत्तराखंड: अशासकीय स्कूलों के पीटीए शिक्षकों की रिपोर्ट निदेशालय को नहीं मिली, तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया था

पीटीए शिक्षक बताते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। कई सालों तक सेवा देने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं दिया गया है।
प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में काम कर रहे पीटीए शिक्षक मानदेय में शामिल किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी सीईओ से तीन दिन के अंदर इन शिक्षकों की जानकारी मांगी थी, लेकिन जिलों से रिपोर्ट नहीं आई। वहीं, कुछ जिलों ने जिन शिक्षकों के पास योग्यता नहीं है, उनके प्रस्ताव निदेशालय को भेज दिए हैं।
अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले पीटीए शिक्षक कहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। कई साल सेवा देने के बावजूद उन्हें मानदेय नहीं दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने 30 जून 2016 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों की जानकारी के लिए सभी सीईओ से रिपोर्ट मांगी थी।
शिक्षा निदेशक ने बताया कि स्कूलों में स्वीकृत पदों के अनुसार तैनात पीटीए शिक्षकों के नाम, उनकी शैक्षिक योग्यता, सेवा अवधि और अब तक मानदेय न मिलने के कारणों की जानकारी निर्धारित फॉर्मेट में भेजी जाए। लेकिन ज्यादातर जिलों ने अब तक यह रिपोर्ट नहीं भेजी है।