केदारनाथ उपचुनाव: …ऐश्वर्या की राय बन गई महत्वपूर्ण, आशा ने किया लंच, हरीश रावत भी पहुंचे उनके घर।
आशा नौटियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत ने दिवंगत विधायक शैला रानी रावत की बेटी ऐश्वर्या से मुलाकात की। दोनों नेताओं की ऐश्वर्या के साथ मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या की राय अचानक महत्वपूर्ण हो गई है। टिकट न मिलने के बाद उनकी चुप्पी ने भाजपा और कांग्रेस, दोनों पर असर डाला है। अब वह दोनों पार्टियों की उम्मीदों का केंद्र बन गई हैं।
भा.ज.पा. उम्मीदवार आशा नौटियाल ने ऐश्वर्या के घर जाकर उनके साथ लंच किया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने राजनीतिक शिष्य के चुनाव प्रचार के लिए पार्टी नेताओं के साथ ऐश्वर्या के घर पहुंचे। दोनों पार्टियों का उद्देश्य कांग्रेस और भाजपा में शैलारानी के समर्थकों को अपने पक्ष में करना है, जो व्यक्तिगत रिश्तों के चलते उनका समर्थन करते थे, न कि केवल पार्टी विचारधारा के आधार पर।
भा.ज.पा. के अनुसार, मंगलवार से ऐश्वर्या रावत पार्टी प्रत्याशी के लिए विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू करेंगी। शैलारानी रावत के निधन के बाद उन्हें उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। ऐश्वर्या स्वयं भी अपनी मां के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए राजनीति में सक्रिय होने की इच्छा जता चुकी हैं। उपचुनाव में भाजपा के संभावित उम्मीदवार के तौर पर उनका नाम चर्चा में था, और उन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से टिकट की मांग भी की थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने परंपरा को बदलते हुए आश्रित को टिकट देने के बजाय पूर्व विधायक आशा नौटियाल को अपना उम्मीदवार चुना।
टिकट वितरण के बाद से ऐश्वर्या ने चुप्पी साध रखी थी। पार्टी प्रत्याशी के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार में भी वह कहीं नजर नहीं आईं। हालांकि, सोमवार से वह फिर चर्चा का विषय बन गई हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। पहली तस्वीर में वह पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत के साथ दिखाई दे रही हैं। रावत ने उनके घर पर चाय पी और उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की राजनीति और उनके संघर्ष के बारे में भी बात की।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लौटने के कुछ ही घंटों बाद भाजपा उम्मीदवार आशा नौटियाल और रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी भी देर शाम को ऐश्वर्या से मिलने अगस्त्यमुनि पहुंचे। उनके साथ रात्रि भोज भी हुआ। एक ही दिन में दोनों प्रमुख पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की ऐश्वर्या से मुलाकात ने केदारनाथ उपचुनाव को नई दिशा दी और ऐश्वर्या को इस चुनाव का महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया। हालांकि, ऐश्वर्या रावत से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। वहीं, भाजपा नेता भरत सिंह चौधरी ने बताया कि मंगलवार से ऐश्वर्या पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल के लिए जनसंपर्क शुरू करेंगी।
कांग्रेस से विद्रोह कर भाजपा में शामिल हुईं थी शैलारानी रावत
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में शैलारानी रावत ने कांग्रेस के टिकट पर पहली बार केदारनाथ विधानसभा सीट से विधायक के रूप में जीत हासिल की थी। जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद, उन्होंने क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए अपनी ही सरकार से हर मंच पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था।
मांगों पर कोई कार्रवाई न होने के कारण अक्तूबर 2016 में शैलारानी रावत ने डॉ. हरक सिंह रावत के नेतृत्व में 9 विधायकों के साथ अपनी ही सरकार और पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इसके बाद शैलारानी और उनके साथी भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह चुनाव हार गईं। फिर, 2022 में भाजपा ने उन्हें फिर से मौका दिया और इस बार वह चुनाव जीत गईं।