Uttarakhand: आयुष्मान कार्ड से मरीजों को मिलेगी सुविधा, हर 10 मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र नियुक्त होगा

आयुष्मान कार्ड के तहत प्रदेश के सभी नागरिकों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त है। आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों में आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति की गई है।

आयुष्मान कार्ड पर इलाज कराने वाले मरीजों की सुविधा के लिए अब हर सूचीबद्ध अस्पताल में 10 मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र नियुक्त किया जाएगा। यदि किसी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत 50 मरीज भर्ती होते हैं, तो वहां पांच आयुष्मान मित्र नियुक्त किए जाएंगे। इसके साथ ही, आयुष्मान मित्रों के लिए पहचान के उद्देश्य से ड्रेस कोड भी निर्धारित किया जाएगा।

23 सितंबर 2018 से प्रदेश में आयुष्मान योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत प्रदेश के सभी नागरिकों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज देने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों में आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति की गई है। फिलहाल, प्रत्येक अस्पताल में केवल एक आयुष्मान मित्र नियुक्त किया गया है।

अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, प्रदेश सरकार ने प्रत्येक 10 मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इससे मरीजों को आयुष्मान कार्ड पर इलाज कराने के दौरान अस्पतालों में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए आयुष्मान मित्र नियुक्त किए गए हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या के अनुसार आयुष्मान मित्रों की तैनाती की जाएगी, जिसमें 10 मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र होगा।

बडे़ अस्पतालों में आरक्षित किए जाएंगे 10 बेड

आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों के इलाज के लिए बड़े अस्पतालों में 10 बेड आरक्षित किए जाएंगे, ताकि आपातकालीन स्थिति में आयुष्मान कार्ड पर मरीजों को भर्ती किया जा सके।

अब तक 58 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड मिल चुके हैं, जिनमें से 12.50 लाख मरीजों को निशुल्क इलाज का लाभ मिला है। इस इलाज पर प्रदेश सरकार ने 2542 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

आयुष्मान मित्र का ये काम

अस्पतालों में आयुष्मान मित्र का मुख्य कार्य कार्ड धारक मरीजों की सहायता करना है। यदि किसी पात्र लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड नहीं है, तो आयुष्मान मित्र उसे कार्ड बनवाकर देंगे। इसके अलावा, वे इलाज, दवाइयों और जांच संबंधित प्रक्रियाओं में भी सहयोग प्रदान करेंगे, ताकि मरीजों को जानकारी की कमी के कारण भटकना न पड़े। अगर अस्पताल प्रबंधन आयुष्मान कार्ड से इलाज करने में आनाकानी करता है या मरीजों से पैसे वसूलता है, तो इसके खिलाफ शिकायत भी आयुष्मान मित्र से की जा सकती है।