केंद्र सरकार के नए नियम…अब 10 किलोवाट तक के सोलर प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं
सोलर प्लांट लगाकर उपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं। हालांकि, बढ़े हुए लोड के लिए उपभोक्ता को लोड वृद्धि और सुरक्षा जमा के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा।
अब प्रदेश में 10 किलोवाट तक के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट घर की छत पर लगाने वालों को तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (टीएफआर) जैसी औपचारिकताएं पूरी करने की आवश्यकता नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इस संबंध में नियमों में बदलाव किया है, जिसे उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने भी लागू कर दिया है।
इससे उपभोक्ताओं के लिए बिजली बचत करना आसान हो जाएगा। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने बताया कि बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) संशोधन नियम, 2024 के तहत 10 किलोवाट तक की छत पर सौर फोटो वोल्टाइक प्रोजेक्ट के आवेदन, यदि सभी प्रकार से पूर्ण हैं, तो उन्हें तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन या स्वीकृत भार में किसी वृद्धि की आवश्यकता के बिना ही स्वीकार कर लिया जाएगा।
यूपीसीएल उपभोक्ता की आवश्यकताओं के अनुसार आवश्यक कार्य करेगा। नियामक आयोग के नियमों के तहत टीएफआर की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। हालांकि, शर्त यह है कि उपभोक्ता को नियामक आयोग के नियमों के अनुसार, बढ़े हुए लोड के लिए लोड वृद्धि और सुरक्षा जमा के शुल्क का भुगतान करना होगा।
लोड बढ़ाने के लिए आवेदन की कोई विशिष्ट आवश्यकता नहीं होगी
उन्होंने कहा कि यदि कोई उपभोक्ता ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप पीवी प्लांट के लिए आवेदन करता है, तो उससे लोड बढ़ाने के लिए कोई अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। अगर स्वीकृत कनेक्टेड लोड उस प्लांट की क्षमता से कम है जिसे उपभोक्ता स्थापित करना चाहता है, तो स्वीकृत लोड को स्वतः ही उस क्षमता तक बढ़ा हुआ माना जाएगा। लोड बढ़ोतरी और सुरक्षा शुल्क का भुगतान नियामक आयोग के समय-समय पर जारी होने वाले नियमों के अनुसार करना होगा।
फायदे का सौदा है ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप
ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर फेज-2 के तहत घर पर सोलर रूफटॉप लगाना अब और भी सरल हो गया है। इस योजना में सब्सिडी उपलब्ध है। घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर प्लांट लगाने पर पहले तीन किलोवाट तक 40 प्रतिशत और चार से 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
सोलर प्लांट की लागत वसूली पांच वर्ष तक
सोलर प्लांट की लागत उपभोक्ता द्वारा लगभग पांच वर्षों में पूरी की जा सकती है। इन पांच वर्षों तक सोलर प्लांट के रखरखाव का खर्च भी इसी लागत में शामिल होता है। सोलर प्लांट लगाकर उपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी बिजली कार्यालय से संपर्क करें या टोल-फ्री नंबर 1912 पर कॉल कर सकते हैं।