Dehradun Disaster: रेस्क्यू में 5 और शव बरामद, मौत का आंकड़ा 22 पहुंचा, 23 लोग लापता, मसूरी से दून का संपर्क टूटा

Dehradun Disaster: रेस्क्यू में आज 5 और शव बरामद, मृतकों का आंकड़ा 22 पहुंचा; 23 अब भी लापता, मसूरी से दून का संपर्क टूटा, प्रभावित गांवों में SDRF की तलाश जारी
दून घाटी आपदा: लापता पांच लोगों के शव मिले, तीन देहरादून में और दो सहारनपुर की यमुना नदी से बरामद; मृतकों की संख्या 22 पहुंची, 23 अभी भी लापता। फुलेत गांव के छह मजदूरों समेत कई इलाकों में SDRF का सर्च ऑपरेशन जारी।
टूटी सड़कों व पुलों की मरम्मत में लोनिवि और अन्य विभाग जुटे, मसूरी के दोनों मार्ग दूसरे दिन भी बंद। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आधिकारिक तौर पर 16 मौत और 17 लापता होने की पुष्टि की।
सोमवार रात की भारी बारिश से राजधानी और आसपास के नदी-नाले उफान पर, बांदल, सौंग, तमसा (टोंस) और आसन नदी में जल प्रलय से तबाही। टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित 15 मजदूर बहे, जिनमें आठ के शव सहसपुर क्षेत्र से मिले, दो को बचाया गया और पांच अब भी लापता।
दो शव सौंग नदी में बहकर आए
बताया जा रहा है कि देहरादून से बहकर गए दो लोगों के शव यमुना नदी से मिर्जापुर (सहारनपुर) में बरामद हुए हैं। इनकी अभी पहचान नहीं हो सकी है। हालांकि, इन शवों के मिलने की स्थानीय स्तर पर कोई पुष्टि नहीं की गई है। इसके साथ ही दो शव सौंग नदी में बहकर आए जिन्हें रायपुर क्षेत्र से बरामद किया गया है। एक शव हरबर्टपुर में आसन नदी से बरामद हुआ है। इन तीनों शवों की भी पहचान नहीं हुई है।
फुलेत गांव में सहारनपुर के छह मजदूर लापता हैं, जिनके मलबे में दबे होने की आशंका है। उन्हें निकालने के लिए SDRF बुधवार सुबह से सर्च ऑपरेशन चला रही है। इनके साथ लापता लोगों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। वहीं नंदा की चौकी के पास ढहे पुल की मरम्मत भी शुरू हो गई है। लोनिवि ने नदी की धारा को पत्थरों की अस्थायी दीवार बनाकर मोड़ा, जिससे बुधवार से मरम्मत कार्य संभव हो सका।
मालदेवता क्षेत्र के प्रभावित गांवों में हेलिकॉप्टर से राशन पहुंचाया गया। यहां बही सड़क की मरम्मत का काम भी बुधवार से शुरू हुआ, जिसे गुरुवार से अस्थायी रूप से खोलने की संभावना है।
दूसरे दिन भी कटा रहा मसूरी का संपर्क
देहरादून से मसूरी को जोड़ने वाले दोनों मार्ग बुधवार को भी बंद रहे। मुख्य मार्ग और किमाड़ी मार्ग पर आवाजाही शुरू नहीं हो सकी। पुलिस ने पहले ही सोशल मीडिया पर सूचना देकर लोगों को सचेत कर दिया था ताकि अनावश्यक दिक्कत न हो। उधर, मुख्य पांवटा हाईवे बंद होने से दूसरे दिन भी शिमला बाईपास रोड पर यातायात का दबाव बना रहा। ज्यादा भीड़ की वजह से कुछ जगहों पर जाम की स्थिति हुई, हालांकि लोगों को लंबे समय तक परेशानी नहीं उठानी पड़ी।