Uttarakhand Weather: भारी बारिश से यात्रा पर असर, फूलों की घाटी से 150 पर्यटक रेस्क्यू, शिव मूर्ति तक चढ़ी गंगा

उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर के कुछ क्षेत्रों में मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया है। वहीं देहरादून, नैनीताल, चम्पावत और पौड़ी के कुछ इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तेज बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। यात्रियों को सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर रोक दिया गया है। फूलों की घाटी में भी पर्यटकों का प्रवेश फिलहाल बंद कर दिया गया है। मंगलवार को 150 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया था। इस संबंध में नंदा देवी नेशनल पार्क के उपनिदेशक तरुण सलएस ने जानकारी दी।

 

इधर, परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर जी-20 सम्मेलन के दौरान किए गए लाखों रुपये के सौंदर्यीकरण कार्य पर पानी फिर गया है। गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पानी शिवमूर्ति तक पहुंच गया है और भवन जलमग्न हो गया है। टिहरी जिले में एक वाहन मलबे में फंस गया।

 

बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीपलकोटी के पास भनेरपानी क्षेत्र में हाईवे अब तक चालू नहीं हो पाया है। वहां दोनों ओर करीब 800 तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के वाहन फंसे हैं। बदरीनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालु हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। बेनेरपानी में हाईवे का लगभग 15 मीटर हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसे फिर से खोलने के लिए एनएचआईडीसीएल की मशीनों से मलबा हटाने का कार्य जारी है।

हरिद्वार-मोतीचूर सिंगल लाइन रेलखंड पर स्थित टनल के पास एक बड़ी चट्टान के कैनोपी पर गिर गया, जिससे रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। ओएचई लाइन पर भी काफी नुकसान पहुंचा है। इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो गई। इस वजह से कई ट्रेनों को रद्द, शॉर्ट टर्मिनेट और शॉर्ट ओरिजिनेट किया गया है। बुधवार सुबह हुई इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

टिहरी जिले के निवासी साहिल कुमार और सुजल कुमार को बुधवार को पौड़ी गढ़वाल स्थित इंटरमीडिएट कॉलेज कोट में भौतिकी का बैक पेपर देना था। परीक्षा का समय सुबह 10 बजे निर्धारित था।

दोनों छात्र सुबह 6 बजे ही देवप्रयाग बाजार में परीक्षा केंद्र जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे।

भारी बारिश और सड़क बंद होने और कोई भी गाड़ी उपलब्ध नहीं हो पाने से ये छात्र पेपर नहीं दे पाए।