Uttarakhand: दवा कंपनियों और विक्रेताओं पर सख्त निगरानी, statewide निरीक्षण अभियान शुरू

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। अगर कोई दवा गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी तो संबंधित निर्माता और विक्रेता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग प्रदेशभर में दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए निरीक्षण अभियान चलाने जा रहा है। इस दौरान फार्मा कंपनियों और दवा विक्रेताओं की सघन जांच की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव व एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश के निर्देश पर अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने सभी वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
अभियान के दौरान दवा दुकानों, गोदामों और फैक्ट्रियों से औषधियों के सैंपल लिए जाएंगे, जिन्हें जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला भेजा जाएगा। अगर जांच में कोई दवा गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी, तो संबंधित निर्माता और विक्रेता पर कड़ी कार्रवाई होगी। जनस्वास्थ्य से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया
अपर आयुक्त एवं औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि कुछ मामलों में यह सामने आया है कि कुछ असामाजिक तत्व उत्तराखंड की फार्मा कंपनियों के नाम का दुरुपयोग कर दूसरे राज्यों में नकली दवाओं का उत्पादन कर रहे हैं। इस पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार के महा औषधि नियंत्रक के निर्देश पर तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के औषधि नियंत्रकों के साथ मिलकर संयुक्त छापेमारी की जा रही है। उत्तराखंड का औषधि विभाग लगातार इस गतिविधि पर नजर बनाए हुए है।
53 मामले दर्ज 89 आरोपी गिरफ्तार
वर्ष 2023 से 2025 के बीच विभाग ने नकली और मानकों पर खरी नहीं उतरने वाली दवाओं के खिलाफ 53 मामले दर्ज किए, जिनमें 89 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार किए गए लोगों में कई अंतरराज्यीय गिरोहों के सदस्य भी शामिल थे। 33 फार्मा कंपनियों को उत्पादन रोकने के नोटिस जारी किए गए। वहीं, एनडीपीएस एक्ट और नकली दवाओं से जुड़े मामलों में 65 से ज्यादा लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।