उत्तराखंड बजट सत्र: बजट पारित… 37 घंटे 49 मिनट तक चला सत्र, सदन की सबसे लंबी कार्यवाही का बना रिकॉर्ड

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र कुल 37 घंटे 49 मिनट चला। कार्यवाही पूरी होने के बाद सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के पांचवें दिन, शनिवार को 1,01,175.33 करोड़ रुपये का बजट ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विपक्ष ने नौ मदों में कटौती के प्रस्ताव रखे, लेकिन वे स्वीकार नहीं किए गए। देर शाम विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। असरकारी दिवस होने के कारण प्रश्नकाल नहीं हुआ। कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत विपक्ष ने शिक्षा, वन और सड़क से जुड़े मुद्दे उठाए।

शनिवार को सदन की कार्यवाही सुबह शुरू हुई। भोजनावकाश तक नियम-58 के तहत विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मदवार बजट प्रस्ताव पेश किए। विपक्ष ने नौ मदों में बजट को अपर्याप्त मानते हुए कटौती के प्रस्ताव रखे, जिन पर विस्तृत चर्चा हुई।

सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी इस चर्चा में अपने सुझाव दिए। सभी बजट कटौती प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। शाम को राज्य का 1,01,175.33 करोड़ रुपये का करमुक्त बजट ध्वनि मत से पारित हो गया, जिसमें 59,854.65 करोड़ रुपये राजस्व और 41,220.68 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय शामिल है।

37 घंटे 49 मिनट चला बजट सत्र

इस बार राज्य विधानसभा का बजट सत्र कुल 37 घंटे 49 मिनट चला। 18 फरवरी को कार्यवाही 15 मिनट, 19 फरवरी को 9 घंटे 23 मिनट, 20 फरवरी को 9 घंटे 40 मिनट, 21 फरवरी को 11 घंटे 51 मिनट और 22 फरवरी को 6 घंटे 40 मिनट चली। सत्र के दौरान कुल 526 प्रश्न प्रस्तुत किए गए, जिनमें 30 अल्पसूचित और 496 तारांकित-अतारांकित प्रश्न शामिल थे।

सबसे लंबा सदन चलने का बना रिकॉर्ड

बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन की कार्यवाही सबसे लंबे समय तक चलने का रिकॉर्ड बना। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भोजनावकाश के बाद कार्यवाही लगातार 11 घंटे 51 मिनट तक संचालित की। इससे पहले, 28 फरवरी पिछले साल उन्होंने 11 घंटे 20 मिनट तक सदन चलाया था। इससे पूर्व, 11 जून 2002 को तत्कालीन अध्यक्ष यशपाल आर्य ने 11 घंटे 11 मिनट, 15 जून 2017 को तत्कालीन अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने 4 घंटे 40 मिनट और उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने 6 घंटे 45 मिनट तक कार्यवाही चलाई थी।

सदन में 10 विधेयक हुए पारित

बजट सत्र के चौथे दिन सदन में 10 विधेयक पारित किए गए। इनमें उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) विधेयक-2025 भी शामिल था, जिस पर विधायक मो. शहजाद ने संशोधन का सुझाव दिया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।

 

इसके अलावा, निम्नलिखित विधेयक भी पारित हुए:

 

नगर निकायों एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्रावधान (संशोधन) विधेयक-2025

 

उत्तराखंड निक्षेपक (जमाकर्ता) हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानों में) (निरसन) विधेयक-2025

 

उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक-2025

 

उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2025

 

उत्तराखंड उत्तर प्रदेश लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1993 (संशोधन) विधेयक-2025

 

उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) (संशोधन) विधेयक-2025

 

उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2025

 

उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) (संशो

धन) विधेयक-2025