उत्तराखंड: बिल वसूली संकट, पांच साल में 513 करोड़ बढ़ा बकाया

बिल वसूली में हो रही मुश्किलों के बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल से एक महीने के अंदर कार्रवाई की योजना मांगी है।
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की कुल आमदनी जरूरतों (एआरआर) का 20% से ज्यादा हिस्सा बिजली बिलों के बकाये में अटका हुआ है। पिछले पांच सालों में बकाया 513 करोड़ रुपये बढ़ गया है, जिसे देखकर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने चिंता जताई है। आयोग ने यूपीसीएल से एक महीने के अंदर इस पर कार्रवाई की योजना पेश करने को कहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024-25 में यूपीसीएल की कुल राजस्व जरूरत (एआरआर) 10,690.03 करोड़ रुपये थी। वहीं, बिजली बिलों का बकाया बढ़कर 2,157.62 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। नियामक आयोग ने माना है कि यह बकाया यूपीसीएल की कुल जरूरत का 20.18% है। साल 2021 में यूपीसीएल के 2,73,076 उपभोक्ताओं पर कुल 1,643.87 करोड़ रुपये की बकायेदारी थी।
हर साल बकायेदार उपभोक्ताओं की संख्या और बकाया राशि बढ़ती गई। साल 2022 में 3,01,960 उपभोक्ताओं पर 1886.9 करोड़ रुपये बकाया था। साल 2023 में यह संख्या बढ़कर 3,11,369 उपभोक्ताओं और बकाया 1878.64 करोड़ रुपये हो गया। दिसंबर 2024 तक यह आंकड़ा 3,66,951 उपभोक्ताओं और 2157.62 करोड़ रुपये बकाया तक पहुंच गया।