पानी में तीन घंटे की निरंतर मौत: प्राण बचाने के लिए बड़े-बड़े पत्थरों का सहारा लेते रहे, फिर क्या हुआ?
दिल्ली से आए दो युवा काकड़ीघाट के एक 12 वर्षीय बच्चे के साथ नदी में नहाने के लिए उतर गए, लेकिन इसके बाद जो हुआ, रोंगटे खड़े कर देने वाला था।
शांति, हरियाली और कलकल बहती नदी देखकर किसी को नहाने का मन नहीं होगा। यही सोचकर दिल्ली से आए दो युवा काकड़ीघाट के एक 12 वर्षीय बच्चे के साथ नदी में नहाने के लिए उतर गए. लेकिन जो हुआ, वह हैरान करने वाला था। तीन घंटे तक सभी लोग दूसरे किनारे पर खड़े रहे और बहते पानी में मरते हुए देखे गए, क्योंकि जिस तरफ वे फंसे थे, उधर ऊंचे पहाड़ खड़े थे, जहां कोई रास्ता नहीं था।
आखिर बचाव दल को सूचना मिली और चारों को रस्सी के सहारे 50 मीटर चौड़ी नदी को पार कराकर सुरक्षित इस पार लेकर आए
द्वारिका उत्तम नगर नई दिल्ली निवासी शिवम जायसवाल (20) और दीपांशु रावत (20) अपने अल्मोड़ा जिले के काकड़ीघाट निवासी दोस्त रोहित बिष्ट (18) से मिलने और यहां घूमने आए हुए हैं, जैसा कि जानकारी मिली है। ये तीनों युवा रविवार को घूमने निकले। उस समय रोहित के परिचित घंगरेटी निवासी विवेक बिष्ट (12) भी उनके साथ था। चारों घूमते हुए कोसी नदी के किनारे पहुंचे और नहाने के लिए उसमें उतर गए। उन्हें नहाते हुए कुछ मिनट ही हुए थे कि नदी अचानक तेजी से बहने लगी।
पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि आसपास के लोगों को किनारे पर आने का कोई मौका ही नहीं मिला। पहले छोटे पत्थरों पर खड़े होकर बच गए, लेकिन पानी भरने पर बड़े पत्थरों पर चढ़ गए। ऐसा करते हुए चारों लगभग पांच सौ मीटर चलते और बहते हुए आखिर में नदी के दूसरे छोर पर पहुंच गए, हालांकि नदी का पानी लगातार बढ़ता रहा था। अब ये चारों एक पहाड़ पर पहुंचे, जिस पर चढ़ना असंभव था।
चारों लोग करीब तीन घंटे तक दूसरे छोर पर खड़े होकर मदद की मांग करते रहे, लेकिन कोई भी इस छोर से गुजरने वाला उनकी आवाज नहीं सुन सका। इस बीच, चारों ने पानी के तेज बहाव में ना जाने कितनी बार मरते देखा कि आज बचेंगे नहीं।
खैरना की ओर आ रहे दिलीप सिंह बोहरा ने चारों ओर देखा। उन्हें घटना की सूचना तुरंत आपदा कंट्रोल रूम में दी गई। जब एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व की टीम मौके पर पहुंची, चारों को रस्सी से बांधकर एक-एक कर करीब 50 मीटर चौड़ी नदी पार कराया गया। नदी से सुरक्षित निकलने के बाद सभी ने टीम को धन्यवाद दिया।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बरसात के समय नदी और गधेरों में कूदने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर राजेश जोशी, एसआई धमेंद्र कुमार, पटवारी विजय नेगी, राजेंद्र गोस्वामी, विपुल ढौडियाल और प्रयाग जोशी टीम में शामिल थे।