एमबीपीजी कॉलेज में छात्रों और प्राचार्य के बीच तीखी नोकझोंक, जहां दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को उंगली दिखाते हुए गरमागरम बहस

एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में प्राचार्य और छात्रों के बीच हाथापाई, प्राध्यापकों ने किया बीच-बचाव; छात्रों की दो सूत्रीय मांगों को लेकर था विवाद

एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में प्राचार्य और छात्रों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां स्थिति लगभग हाथापाई तक पहुंच गई थी। छात्रों की दो प्रमुख मांगों के साथ वे प्राचार्य के कार्यालय पहुंचे थे। जब प्राचार्य ने छात्रों की मांगों पर कुलपति से फोन पर चर्चा की, तो एक छात्र ने उनसे कुलपति से सीधे बात कराने का अनुरोध किया। इसके बाद कुलपति ने फोन काट दिया, जिससे प्राचार्य और छात्र के बीच गरमागरम बहस छिड़ गई। दोनों अपनी-अपनी कुर्सियों से उठकर एक-दूसरे की ओर उंगली दिखाते हुए तीखे शब्दों का आदान-प्रदान करने लगे। इस बीच, प्राचार्य कक्ष में मौजूद अन्य प्राध्यापकों ने किसी तरह स्थिति को संभाला और मामले को शांत कराया।

बृहस्पतिवार को छात्र परीक्षाफल में सुधार और परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर प्राचार्य के कार्यालय पहुंचे। छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका कहना था कि बिना कॉपियों की पुनः जांच किए सभी छात्र-छात्राओं के अंक एक से छह तक बढ़ा दिए गए हैं, यहां तक कि उन छात्रों के भी अंक बढ़ाए गए हैं जिन्होंने पुनः जांच के लिए आवेदन नहीं किया था। छात्रों ने दावा किया कि गलत मूल्यांकन के कारण विभिन्न संकायों में 532 छात्र-छात्राएं फेल हो गए हैं।

छात्रों का आरोप था कि कॉपियों की पुनः जांच के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई गई है। उन्होंने मांग की कि पुनः जांच करने वाले प्राध्यापकों के नाम सार्वजनिक कर उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए, परीक्षा स्थगित की जाए, और कॉपियों की दोबारा सही तरीके से जांच की जाए। इस बीच, छात्रों ने प्राचार्य से कुलपति से सीधे बात कराने की मांग की। प्राचार्य ने कुलपति से फोन पर बात करनी शुरू की, लेकिन जब एक छात्र ने खुद कुलपति से बात कराने का अनुरोध किया, तो कुलपति ने फोन काट दिया। प्राचार्य ने छात्रों को समझाने की कोशिश की कि वे अपने फोन से सीधे कुलपति से बात नहीं करा सकते हैं, जिससे छात्रों और प्राचार्य के बीच विवाद बढ़ गया। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस होने लगी और स्थिति लगभग हाथापाई तक पहुंच गई। हालांकि, महाविद्यालय के स्टाफ ने हस्तक्षेप कर किसी तरह इस विवाद को शांत कराया।

कुलपति और परीक्षा नियंत्रक को भेजा पत्र

छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति और परीक्षा नियंत्रक को एक पत्र भेजा है। छात्रों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे मजबूर होकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के खिलाफ उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

डॉ. एनएस बनकोटी, प्राचार्य एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी:

“परीक्षाफल में सुधार और सुधार परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रों ने ज्ञापन दिया है। छात्रों की मांग को देखते हुए विश्वविद्यालय को पत्र भेज दिया गया है।”

 

यश कुमार, छात्र नेता एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी:

“लंबे समय से छात्र कॉपियों की पुनः जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन इस प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई है। बिना पुनः जांच के ही प्रत्येक छात्र के अंक बढ़ा दिए गए हैं। यदि कॉपियों की सही तरीके से पुनः जांच नहीं की गई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।”