शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कारों की संख्या में वृद्धि, महानिदेशालय ने शासन को प्रस्ताव प्रस्तुत किया
हर वर्ष, शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक, और संस्कृत शिक्षा के कुछ शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
प्रदेश में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कारों की संख्या में वृद्धि होगी। छात्रों के हित में उत्कृष्ट और नवाचार आधारित कार्यों के लिए, हर साल प्राथमिक, माध्यमिक और संस्कृत शिक्षा के लिए एक-एक अतिरिक्त शिक्षक को पुरस्कार के लिए चुना जाएगा।
शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान के अनुसार, शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद इस विषय में शासन को एक प्रस्ताव भेजा गया है। शिक्षा विभाग हर साल प्राथमिक, माध्यमिक, और संस्कृत शिक्षा के कुछ शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करता है।
शिक्षकों को पुरस्कार के लिए आवेदन करने के बाद एक विस्तृत चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों की संख्या 19 से 26 के बीच होती है। सरकार का मानना है कि कई शिक्षक नवाचार और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अच्छा काम करते हैं, लेकिन इस पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं करते।
शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए अहम योगदान
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, हालिया मामला बागेश्वर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय का है। इस विद्यालय के शिक्षकों के नवाचारी प्रयासों के चलते 40 छात्रों का चयन सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के लिए किया गया। इसके अलावा, कुछ अन्य जिलों के शिक्षक भी विद्यालय की शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रदेश के इस प्रकार के तीन शिक्षकों का हर साल इस पुरस्कार के लिए बिना आवेदन के चयन किया जाएगा। इन शिक्षकों के चयन हेतु राज्य शैक्षिक पुरस्कार से संबंधित शासनादेश में बदलाव किया जाएगा।
प्राथमिक, माध्यमिक, और संस्कृत शिक्षा से एक-एक अतिरिक्त शिक्षक को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए शासन और विभाग की एक समिति बनाई गई है। इन शिक्षकों का चयन होने के बाद, आवेदन की प्रक्रिया बाद में पूरी की जाएगी। – झरना कमठान, शिक्षा महानिदेशक