“सड़क हादसा: खड़े युवक ने सुनाई दुर्घटना का दिल दहला देने वाला अनुभव, तेज धमाके के बाद सब कुछ हुआ अंधेरा”
अल्मोड़ा बस हादसे में घायल पॉलीटेक्निक के छात्र समेत तीन लोगों को काशीपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है। सोमवार सुबह मरचूला में बस 150 फुट गहरी खाई में गिर गई।
मरचूला हादसे में घायल पॉलीटेक्निक के छात्र समेत तीन लोगों को काशीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। सोमवार सुबह मरचूला में एक बस 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में घायल सिरखेत, पौड़ी गढ़वाल के जगदीप सिंह (38), प्रदीप सिंह रावत (19) और पीरुमदारा नई बस्ती के आकाश रावत (25) को रामनगर के सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां से तीनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
परिजनों ने तीनों घायलों को चामुंडा मंदिर के पास श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनका भतीजा जगदीप दिल्ली में नौकरी करता है और दिवाली मनाने के लिए गांव आया था। सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे, वह दिल्ली लौटने के लिए सिरखेत से रामनगर की बस में निकला।
आकाश की मां अनीता ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली में नौकरी करता है और दीपावली की छुट्टियों में घर आया था। रविवार को वह क्रिकेट खेलने के लिए अपने गांव बिरखेत गया था। सोमवार को बिरखेत से लौटते वक्त रास्ते में हादसा हो गया। सूचना मिलने पर एसपी अभय सिंह और कोतवाल विक्रम राठौर पुलिस टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। एसपी अभय सिंह ने बताया कि घायलों की हर संभव मदद की जाएगी।
प्रदीप ने बयां किया आंखों देखा हाल
घायल प्रदीप ने बताया कि वह मोलेखाल पॉलीटेक्निक कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रथम वर्ष का छात्र है। सोमवार सुबह वह कॉलेज जाने के लिए घर से निकला था। उसके बड़े भाई सूरजपाल सिंह रावत और कुलदीप रावत दिल्ली में नौकरी करते हैं, जबकि तीसरे नंबर का भाई संदीप रावत रामनगर पॉलीटेक्निक में सीएस का छात्र है। चार भाइयों में वह सबसे छोटा है। उसे बस में सीट मिल गई थी, लेकिन बाद में कंडक्टर ने उसे खड़ा कर दिया। बस में उसके साथ कई और छात्र भी थे। रास्ते में हादसे के दौरान अचानक बस खाई में गिरने लगी। नीचे गिरते समय जोर का धमाका हुआ, और फिर सब कुछ अंधेरा हो गया।
बस दुर्घटना के तीन घायल अस्पताल आए थे। आकाश की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि प्रदीप खतरे से बाहर है। दोनों घायलों के सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं। दोनों आईसीयू में भर्ती है। हमारे यहां ईएसआई की सुविधा नहीं है। जगदीप दूसरे अस्पताल चले गए हैं।
– डॉ. मयंक अग्रवाल, सर्जन, श्रीकृष्णा हॉस्पिटल, काशीपुर