सीएम धामी: गोलीकांड का दर्द कभी नहीं भूला जा सकता, शहीदों के परिवारों की पीड़ा समझ सकता हूं
खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर रविवार को मुख्यमंत्री धामी ने शहीद स्मारक स्थल पर भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानंद भट्ट और परमजीत सिंह की मूर्तियों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की नींव रखने वाले शहीद राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण के लिए अपनी पूरी शक्ति और जीवन बलिदान कर दिया। इन शहीदों ने बहनों की राखियों और मां की ममता को त्याग कर राज्य के निर्माण के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उत्तराखंड की जनता इन वीर शहीदों की हमेशा कृतज्ञ रहेगी, क्योंकि उनके बलिदानों के परिणामस्वरूप ही उत्तराखंड का गठन हुआ।
खटीमा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर रविवार को मुख्यमंत्री धामी ने शहीद स्मारक स्थल पर भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानंद भट्ट और परमजीत सिंह की मूर्तियों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही, उन्होंने शहीदों के परिजनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों ने अपने बलिदान से यह सुनिश्चित किया कि उत्तराखंड अलग राज्य बनकर उनके सपनों को पूरा कर सके। उन्होंने बताया कि स्वयं एक आंदोलनकारी होने के नाते वह इन परिवारों की पीड़ा को समझ सकते हैं। खटीमा गोलीकांड की याद आज भी खटीमावासियों और पूरे उत्तराखंड के लोगों को हिला देती है। राज्य निर्माण के लिए सबसे पहली शहादत खटीमा की धरती पर दी गई थी, जिसके फलस्वरूप हम एक पृथक राज्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना पाए।
धामी ने कहा कि एक सितंबर 1994 को हुआ खटीमा गोलीकांड का दर्द हम कभी नहीं भूल सकते, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि लोगों ने राज्य निर्माण के लिए बलिदान क्यों दिया। इन महान व्यक्तियों ने अपना बलिदान इसलिए किया क्योंकि वे उत्तराखंड का उज्जवल भविष्य चाहते थे।
नेता प्रतिपक्ष ने वंचित 253 राज्य आदोलनकारियों को चिह्नित करने की मांग की
उप नेता प्रतिपक्ष और खटीमा विधायक भुवन कापड़ी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर 253 वंचित राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित करने की मांग की। कापड़ी ने कहा कि ये वंचित 253 आंदोलनकारी चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों के समान ही अर्हता रखते हैं। उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया।
शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्यटन के क्षेत्र में मजबूत हो रहा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। औद्योगिकीकरण, पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में विकास करके रोजगार सृजन और आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों को प्रतिमाह 3000 रुपये पेंशन दी जा रही है, जबकि जेल गए, घायल और सक्रिय आंदोलनकारियों को क्रमशः 6000 और 4500 रुपये पेंशन प्रदान की जा रही है।
5000 एकड़ सरकारी भूमि को किया अतिक्रमण मुक्त
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि सख्त धर्मांतरण रोधी कानून लागू करने के साथ ही अवैध मजारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाकर 5000 एकड़ सरकारी भूमि को मुक्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में सुख, शांति और समानता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है।
बाढ़ पीड़ितों के लिए 25 करोड़ की धनराशि जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऊधमसिंह नगर के खुरपिया में एक इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी स्थापित की जाएगी, जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 16 हजार युवाओं को नौकरी मिली है। खटीमा में हाल की आपदा के बाद 25 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की गई है, जिसमें से 12 करोड़ 68 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने डीएम उदयराज सिंह को निर्देश दिया कि आपदा सहायता राशि सभी प्रभावितों तक पहुंचाने के लिए पुनः सर्वे किया जाए।
ये लोग कार्यक्रम में रहे मौजूद
सांसद अजय भट्ट, विधायक भुवन कापड़ी, रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा, नानकमत्ता विधायक गोपाल राणा, काशी सिंह ऐरी, हुकुम सिंह कुंवर, कैप्टन शेर सिंह दिगारी, डॉ. अनिल डब्बू, महेंद्र पाल सिंह, कमल जिंदल, राजपाल सिंह, नंदन सिंह खड़ायत, रमेश चंद्र जोशी, अमित पांडेय, प्रकाश तिवारी, शांति ज्याला, विमला मुंडेला, सतीश भट्ट, भगवान जोशी, शिव शंकर भाटिया, उत्तम दत्ता, वरुण अग्रवाल, नवीन बोरा, गोपाल बोरा, संतोष अग्रवाल और विवेक सक्सेना इस कार्यक्रम में शामिल हुए।