ChardhamYatra: कई शहरों से डॉक्टर ड्यूटी के लिए हुए तैयार, श्रद्धालुओं को मिलेगी और मजबूत स्वास्थ्य सेवाएं

चारधाम यात्रा ड्यूटी के लिए कई शहरों से डॉक्टरों ने भागीदारी दिखाई है। एनएमसी ने यह साफ किया है कि यात्रा के दौरान दी गई चिकित्सकीय सेवाएं क्लीनिकल रोटेशन या डीआरपी के अंतर्गत मान्य मानी जाएंगी। इसके लिए डॉक्टरों को अतिरिक्त तीन महीने की ट्रेनिंग करने की आवश्यकता नहीं होगी।
चारधाम यात्रा में पहली बार पीजी डॉक्टरों की तैनाती की अनुमति मिलने से यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और सुरक्षा मिलेगी। एनएमसी की घोषणा के बाद देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के पीजी डॉक्टर यात्रा के दौरान चिकित्सा सेवाएं देने के लिए आगे आ रहे हैं।
एमडी, एमएस और डीएनबी के पीजी डॉक्टर अब चारधाम यात्रा के दौरान सेवाएं देकर डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (डीआरपी) का प्रमाणपत्र हासिल कर सकेंगे। एनएमसी ने यह स्पष्ट किया है कि यात्रा में दी गई चिकित्सकीय सेवाएं क्लीनिकल रोटेशन या डीआरपी के रूप में मान्य होंगी और इसके लिए उन्हें अलग से तीन महीने की ट्रेनिंग करने की आवश्यकता नहीं होगी।
तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ सेवाएं मिलेगी
राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एनएमसी से पीजी डॉक्टरों की स्वैच्छिक नियुक्ति की अनुमति मांगी थी। एनएमसी की स्वीकृति के बाद अब देशभर के मेडिकल कॉलेजों से पीजी डॉक्टरों की भागीदारी को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा में पीजी डॉक्टरों की तैनाती से श्रद्धालुओं को विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। साथ ही, इन प्रशिक्षु डॉक्टरों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा देने और आपात स्थितियों से निपटने का वास्तविक अनुभव प्राप्त होगा।