अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सहभागिता का आह्वान, सीएम बोले– योग संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाएं

मुख्यमंत्री ने लोगों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर योग की प्राचीन परंपरा को जन-जन तक पहुंचाना चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को एमकेपी कॉलेज में हुए ‘रन फॉर योगा’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने गांधी पार्क से एमकेपी कॉलेज तक पदयात्रा कर युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को योग के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने सभी से आने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में उत्साहपूर्वक भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर योग की प्राचीन परंपरा को हर व्यक्ति तक पहुंचाना है। ऋषि-मुनियों ने योग के ज़रिए शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने की अनोखी विधा विकसित की है। योग आज पूरी दुनिया के लिए एक जीवनदायी उपाय बन चुका है। यह न केवल जीवन को स्वस्थ बनाता है, बल्कि अनुशासन भी सिखाता है। आज विश्वभर में योग के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कर न सिर्फ शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मकता लाई जा सकती है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखा था, जिसे दुनिया भर में स्वीकार किया गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड योग, आयुष और अध्यात्म की धरती है और राज्य सरकार इसे योग और वेलनेस टूरिज्म का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है। हाल ही में राज्य की नई योग नीति को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना पर 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पहले से संचालित योग केंद्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और योग, ध्यान व प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य में योग और वेलनेस की विशाल संभावनाओं को रेखांकित करते हुए लोगों से अनुशासित और सेहतमंद जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया।