अंकिता हत्याकांड: 2 साल 8 महीने बाद कोर्ट का फैसला, तीनों आरोपी दोषी

उत्तराखंड अंकिता हत्याकांड: 18 सितंबर 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी और उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। करीब एक हफ्ते बाद नहर से उसका शव बरामद हुआ था।

 

बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्या मामले में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों—पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—को हत्या के मामले में दोषी पाया है। इन पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), और 354 (महिला से दुर्व्यवहार) के तहत दोष सिद्ध हुआ है। अंतिम सजा का ऐलान कुछ ही देर में किया जाएगा।

 

इस फैसले पर उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें टिकी थीं। कोटद्वार में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। गढ़वाल मंडल के कई जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और अदालत परिसर के बाहर सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई।

 

गौरतलब है कि 19 मई को विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की थी। इसके बाद अदालत ने 30 मई को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। इस केस की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन ने कोर्ट में करीब 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।

 

अदालत परिसर के चारों ओर व्यापक सुरक्षा प्रबंध 

 

कोतवाल रमेश तनवार ने जानकारी दी कि अदालत परिसर की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए पौड़ी जिले के अलावा देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी से भारी संख्या में पुलिस बल, अधिकारी और डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।

 

सुरक्षा कारणों से कोर्ट परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बार बैठकें कीं और मॉक ड्रिल भी करवाई गई। अदालत परिसर को पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया है, और वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।

 

कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू, चार मजिस्ट्रेट तैनात

 

अदालत के फैसले को देखते हुए एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है। जिला प्रशासन ने कोटद्वार में चार और पौड़ी में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। कोई भी व्यक्ति समूह में अदालत के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इसके साथ ही नारेबाजी, धरना

 

प्रदर्शन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

 

कब क्या हुआ

 

रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।

 

लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।

 

लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।

 

हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।

 

22 सितंबर को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।

 

23 सितंबर को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।

 

24 सितंबर को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।

 

24 सितंबर को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।

 

24 सितंबर एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।

 

26 सितंबर को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।

 

विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।

16 दिसंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।

 

30 मई 2025 को आया फैसला।