चौथे दिन भी हाईवे बंद, 40 मीटर हिस्से में फैला मलबा; सैकोट की सड़क से यात्रा कर रहे यात्री

हाईवे बंद होने के कारण यात्रियों के वाहनों को नंदप्रयाग से सैकोट गांव के रास्ते कोठियालसैंण होते हुए बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब भेजा जा रहा है।

बदरीनाथ हाईवे पर पर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र में चौथे दिन भी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रही। पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन का मलबा रास्ते में जमा है।

हाईवे बंद होने के कारण यात्रा वाहनों को नंदप्रयाग से सैकोट गांव के रास्ते कोठियालसैंण और फिर बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब भेजा जा रहा है। सैकोट गांव से करीब 7 किमी लंबा वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है, लेकिन वाहनों के अत्यधिक दबाव के कारण यह मार्ग कई जगहों पर खराब हो गया है। सैकोट गांव और पिलंग के पास सड़क संकरी होने के कारण जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है।

बदरीनाथ हाईवे 23 अगस्त से बंद पड़ा है। एनएचआईडीसीएल की टीम मलबा हटाने का प्रयास कर रही है, लेकिन भूस्खलन क्षेत्र में लगातार पहाड़ी से चीड़ के पेड़ और मलबा गिरता जा रहा है।

सोमवार को भी एनएचआईडीसीएल की जेसीबी मशीनें मलबा हटाने में लगी रहीं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि पर्थाडीप में पहाड़ी से मलबा गिरने का सिलसिला जारी है। मौसम सामान्य होने पर इस क्षेत्र का उपचार किया जाएगा। फिलहाल, प्राथमिकता मलबा हटाकर हाईवे को चालू करने पर है।