Uttarkashi Disaster: नम आंखों और उम्मीद के सहारे, लापता अपनों की खोज में धराली पहुंच रहे लोग

उत्तरकाशी आपदा को छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी 45 से अधिक लोग लापता हैं। अपने गुमशुदा प्रियजनों की खोज में लोग लगातार यहां पहुंच रहे हैं।

धराली में आई आपदा को छह दिन गुजर चुके हैं, लेकिन कई लोग अब भी लापता हैं। अपने प्रियजनों का कोई सुराग न मिलने पर कई परिजन पैदल ही हर्षिल और धराली की ओर निकल पड़े हैं। इस बीच, धराली में राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है और अब तक 1,308 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

 

आपदा के बाद कुछ लोगों का पता लग चुका है, जबकि कई की तलाश अभी भी जारी है। प्रभावित चिन्यालीसौंड और मातली में, एयरलिफ्ट कर लाए जा रहे लोगों में परिजन अपने अपनों को पहचानने की कोशिश कर रहे हैं।

 

स्थानीय निवासी गोपाल थपलियाल का कहना है कि पीड़ित परिवार प्रशासन से लगातार गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें हेलीकॉप्टर से हर्षिल और धराली ले जाया जाए, ताकि वे खुद खोजबीन कर सकें। वहीं, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन जनमंच के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने बताया कि कुछ लोग अपने लापता प्रियजनों की तलाश में पैदल ही इन इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं।

 

यूपी और नेपाल से धराली पहुंच रहे लोग

धराली के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान अजय नेगी ने  धराली से  बताया कि यूपी और नेपाल के कुछ लोग लिम्चागाड़ से पैदल 30 से 35 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर धराली पहुंचे। जो गांव में अपनों को ढूंढ़ रहे है। यूपी से आए इन लोगों का कहना है कि उनके परिवार के तीन लोग लापता हैं। जो गांव में वेल्डिंग का काम करते थे।

थोड़ी देर में आने की बात कही फिर नहीं आया

धराली के ग्राम प्रधान के मुताबिक उनके चाचा के बेटे सुमित नेगी (29) से पांच अगस्त को उनकी मोबाइल से बात हुई। उस दिन मंदिर में पूजा थी, उसने बताया कि पूजा में थोड़ी देर में आएगा, लेकिन इसके बाद से उसका पता नहीं लग पाया।

पुनर्वास और रोजी रोटी का संकट

आपदा के बाद प्रभावितों के सामने पुनर्वास और रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि प्रशासन की ओर से मात्र पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं।

आपदा प्रभावित नहीं यात्री किए एयरलिफ्ट

स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि धराली और हर्षिल आपदा प्रभावितों के बजाए गंगोत्री यात्रा पर आए तीर्थ यात्रियों को एयर लिफ्ट किया गया।