CM धामी के निर्देश पर DM ने निर्माण कर की बढ़ोतरी वापस ली

हल्द्वानी नगर निगम ने भवन कर बढ़ाने के दौरान मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया। नगर निगम अधिकारियों ने भी निगम प्रशासक से अनुमति नहीं ली थी। CM धामी के निर्देश पर DM ने निर्माण कर की बढ़ोतरी वापस ली।

हल्द्वानी नगर निगम ने भवन कर बढ़ाने के दौरान मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया। नगर निगम अधिकारियों ने भी निगम प्रशासक से अनुमति नहीं ली थी। मुख्यमंत्री ने डीएम या प्रशासक को मामले को प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। नगर निगम की प्रशासक वंदना ने 15 प्रतिशत की भवन कर वृद्धि को वापस ले लिया है। अब इसे पारदर्शी रूप से पूरा किया जाएगा। 25 हजार लोगों को इससे राहत मिली है।

इसमें कहा गया है कि नगर निगम हर चार वर्ष में भवन कर बढ़ाता है। इसके लिए पहले निगम समाचार पत्रों में विज्ञापन देता है। लोगों से इसके बाद आपत्तियां मांगी जाती हैं। संपत्ति के निस्तारण के बाद संपत्ति कर बढ़ जाता है। इसके बाद, किस वार्ड में दर बढ़ी और कितनी हो गई, इसकी सूचना भी दी जाती है।

नगर निगम ने दो अखबारों में संपत्ति कर बढ़ाने का विज्ञापन किया है। कहा कि विज्ञापन के बाद भी निगम को कोई शिकायत नहीं मिली। इसलिए, निगम ने इस बार भी अपनी संपत्ति को 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया, जैसा कि पहले भी किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खबर प्रकाशित होने के बाद इसका संज्ञान लिया। डीएम को इस मामले को दिखाने और उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था। DCM या प्रशासक ने इसकी जांच की तो पता चला कि भवन कर बढ़ाने के लिए मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। प्रधानमंत्री ने भी 15 प्रतिशत भवन कर बढ़ाने की अनुमति नहीं दी थी। इसलिए प्रशासक या डीएम ने इसे रद्द कर दिया है। अब ये प्रक्रियाएं फिर से शुरू होंगी।

मुख्यमंत्री ने मानक प्रक्रिया और विधिवत मंजूरी न होने के कारण भवन कर की 15 प्रतिशत वृद्धि को स्थगित करने का आदेश दिया है। भविष्य में पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से पूरा कर अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।

-वंदना, डीएम/प्रशासक

नगर निगम अधिनियम के अनुसार, संपत्ति कर चार साल में पुन: निर्धारित किया जाता है। बोर्ड होने पर इसे मंजूरी दी जाती है। बोर्ड भंग होने पर प्रशासक से मंजूरी लेनी चाहिए थी।

-जोगेंद्र रौतेला, निवर्तमान मेयर

भवन कर बढ़ाने की प्रक्रिया का निष्पक्ष पालन किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। हमें तक नहीं मालूम था कि भवन कर बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री का फैसला सराहनीय है।
-राजेंद्र जीना निवर्तमान पार्षद

मुझे अखबार से भवन कर बढ़ने की जानकारी मिली। जनता को पता ही नहीं चला कि नगर निगम ने भवन बनाया कब। नियमों का पालन करना चाहिए था। यह राहत की खबर है कि मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है।

-दीपा बिष्ट, निवर्तमान पार्षद

लोगों को भवन कर बढ़ाने की जानकारी दी जानी चाहिए थी। यदि सूचना मिलती तो हम भी आपत्ति करते। समाचार पत्रों ने बताया कि भवन कर बढ़ा है। प्रशासक की ओर से भवन कर में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी को वापस लेना एक अच्छी कार्रवाई है।

-दीवान सिंह, कैप्टन रिटायर्ड

महंगाई भी बढ़ती जा रही है। बिजली-पानी की दरें बढ़ने से सामान्य लोगों का जीवन-यापन कठिन हो गया है। ऐसे में भवन कर बढ़ता तो कमर टूट जाती। मुख्यमंत्री का निर्णय आम लोगों को राहत देगा।

-पल्लवी बिष्ट, पांडे निवास

समाचार पत्र में खबर पढ़ने के बाद पता चला कि नगर निगम ने भवन कर 15 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इसमें प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। अब बढ़ा हुआ भवन कर वापस लेना अच्छी खबर है।
-विनीता शर्मा, समता आश्रम गली