2007 और 2011 वर्ल्ड कप के बाद भारत को अब इस मुश्किल का सबसे बड़ा हल मिल गया है। सूर्यकुमार यादव..!

युवराज सिंह के बाद नंबर चार पर विस्फोटक बल्लेबाज देखने के लिए आंखें तरस गईं। 2007 और 2011 वर्ल्ड कप के बाद भारत की यह कमजोरी हर विश्वकप में हम पर भारी पड़ती रही। अब इस मुश्किल का सबसे बड़ा हल मिल गया है। सूर्यकुमार यादव..! साउथ अफ्रीका के खिलाफ ताबड़तोड़ 50* ठोक कर सूर्या ने इस कैलेंडर ईयर में T-20 इंटरनेशनल में 732 रन बना दिए हैं। उनसे पहले साल 2018 में शिखर धवन ने 689 रन बनाए थे। यही नहीं इस साल T-20 इंटरनेशनल में सूर्या ने 45 छक्के उड़ा दिए हैं। उनके पहले पाकिस्तानी मोहम्मद रिजवान ने 2021 में सबसे ज्यादा 42 छक्के लगाए थे। T-20 क्रिकेट में भारत का नंबर वन बल्लेबाज!

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 दिन पहले निर्णायक टी-20 में 36 गेंदों पर 191 की स्ट्राइक रेट से ताबड़तोड़ 69 रन। 9 साल बाद कंगारुओं के खिलाफ भारतीय जमीन पर सीरीज जिताने के बावजूद आलोचकों को लगा कि एक बार तो तुक्का भी लग जाता है। साउथ अफ्रीका के सामने पहले टी-20 में तिरुअनंतपुरम की विकेट मानो नागिन सी बलखा रही थी। जिधर हाथ डालो, स्विंग के नाग फुफकार रहे थे। अफ्रीका की पूरी टीम पूरे 20 ओवर खेलकर केवल 106 रन बना सकी थी।

रोहित अपनी दूसरी गेंद खेल रहे थे और ऑफ स्टंप से बाहर रबाडा को हल्का सा मूवमेंट मिला। बल्ले का बाहरी किनारा और डीकॉक ने एक हाथ से कैच लपक लिया। भारतीय कप्तान बगैर खाता खोले पवेलियन की ओर चल चुके थे। नॉर्त्या की सातवें ओवर की पहली गेंद और विराट कट शॉट खेलने के फेर में डीकॉक को कैच थमा बैठे। कुल मिलाकर 17 रन पर भारत के दो दिग्गज बल्लेबाज वापस लौट चुके थे। नॉर्त्या के इसी ओवर की तीसरी गेंद और सूर्या ने उसे स्क्वायर लेग के ऊपर से उड़ाने का सोचा। एक्स्ट्रा बाउंस के कारण बॉल थर्डमैन के ऊपर से छक्के के लिए चली गई। सूर्या मुस्कुरा दिए।

समझ आ गया था कि वह एक्स्ट्रा पेस से डरने वाले नहीं हैं। अगली बॉल नॉर्त्या ने फुलर लेंथ डाल दी। सूर्या ने लाइन के भीतर आकर बैकवर्ड स्क्वायर लेग की दिशा बहुत लंबा छक्का मारा। दर्शक दीर्घा में गेंद और दर्शकों के शोर से मानो आसमान फट गया। भारत मैच में वापस आ रहा था। दूसरे छोर पर केएल राहुल अपना वक्त ले रहे थे और कमजोर गेंदों पर कड़ा प्रहार भी कर रहे थे। पर सूर्या मानो सोच कर आए थे, हिटिंग और क्लीन हिटिंग। जबतक तोड़ेंगे नहीं, तबतक छोड़ेंगे नहीं। 11वें ओवर की पहली गेंद केशव महाराज ने थोड़ी फ्लैट रखी। सूर्या लेग साइड की तरफ बढ़ गए और गेंद को गैप में कट कर दिया। चौका जड़ने के बाद उन्होंने च्विंगम कुछ इस अंदाज में चबाया मानो ऐसे शॉट तो वह नींद में भी खेल सकते हैं।

उनका कॉन्फिडेंस देखकर फैंस का जीत को लेकर भरोसा और बढ़ गया। तबरेज शम्सी की 12वें ओवर की आखिरी गेंद और डीप मिडविकेट व लॉन्गऑन के बीच से ताकतवर फ्लिक शॉट। दोनों ही जगहों पर फील्डर मौजूद थे लेकिन उन्होंने दौड़ने की जहमत नहीं उठाई। उन्हें मालूम था कि अगर सूर्या ने फ्लिक किया है तो गेंद बगैर सीमा रेखा तक गए रुकेगी नहीं। कलाई के सहारे अक्सर सूर्या बड़े शॉट खेलते हैं और रन बटोरते हैं।

13वें ओवर की चौथी गेंद पर वाइड लॉन्गऑफ के ऊपर से लॉफ्टेड सिक्स। गेंद फुलर लेंथ की थी और उसके नीचे आकर रिस्ट के सहारे यह ताकतवर शॉट। इस शॉट को आप जितनी बार देखिएगा, सूर्या के प्रति प्रेम उतना बढ़ता जाएगा। मानो कोई सुपरस्टार सिल्वर स्क्रीन पर अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दे रहा हो। 15वें ओवर की पांचवी गेंद को नॉर्त्या ने जानबूझकर धीमा रखा। सूर्या ने अपने बल्ले को हल्का पकड़ा और बैकवर्ड प्वाइंट की दिशा में स्लाइस कर दिया। अब तो ऐसा लग रहा था कि किसी सुपरहिट फिल्म का सुपरहिट सीन चल रहा हो।

गेंदबाज जो भी सोचता था, सूर्या के पास हर सवाल का जवाब था। 16वें ओवर में रबाडा को कवर ड्राइव करते हुए 2 खूबसूरत चौके। 17वें कुंवर की पहली बॉल पर अर्धशतक पूरा। दर्शकों ने मानो मोबाइल की फ्लैश लाइट से ही दिवाली मनाने का निश्चय कर लिया हो। बाकी 17वें ओवर की चौथी गेंद पर राहुल ने छक्का जड़कर टीम को मुकाबला भी जिताया और अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया। पर दर्शकों की निगाह स्काई पर ही टिकी हुई थी। स्कोरबोर्ड दिखा रहा था… 33 बॉल 50* रन – 5 छक्का 3 चौका – 151 का स्ट्राइक रेट। यह सब एक ऐसी विकेट पर जहां दूसरे बल्लेबाज 100 के स्ट्राइक रेट से भी नहीं खेल सके। आधी रात में भारत का सूर्या अपनी चमक बिखेर रहा था।

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