आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि एवं उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना! 

पहलगाम में बेगुनाह पर्यटकों को जिस बर्बरता से कत्ल किया गया, उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि धर्म के नाम पर आम लोगों का खून बहाने वाले रक्त पिपासु हर वर्ग, हर धर्म में मौजूद हैं। इन रक्त पिपासुओं की करनी का दोष सभी लोगों को देना इनके रहनुमाओं के मंसूबों को ही कामयाब करना है। गोदी मीडिया इस काम में जुट चुका है।

आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि एवं उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना!

इस हमले को लेकर जो गंभीर सवाल उठाए जाने चाहिए, उन्हें गोदी मीडिया कभी नहीं उठाएगा।

– जो मोदी साकार देश-दुनिया में घूम-घूम कर कश्मीर घाटी में सब कुछ ‘कंट्रोल्ड’ होने का दावा करती नहीं थकती थी, हर चुनावी सभा में कश्मीर से आतंकवाद का सफाया होने का दावा करती थी, उस दावे का क्या हुआ ?

– नोटबंदी और धारा 370 के खात्मे के बाद जब आतंकियों की कमर पूरी तरह टूट चुकी थी, तो फिर इतना बड़ा आतंकी हमला कैसे हुआ ?

– अगर हमारी सीमाएं पूरी तरह चाक चौबंद हैं तो फिर, कत्लेआम मचाने वाले दरिंदे भीतर कैसे पहुंचे ? और अगर हमलावर भीतर ही थे तो सुरक्षित कैसे थे ?

– इंटेलीजेंस एजेंसियों को क्यों इतने बड़े हमले की भनक नहीं लग सकी ? याद कीजिए, 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में भी एजेंसियों को आतंकी हमले की भनक नहीं लग पाई थी, जिसके चलते हमने अपने 40 वीर जवानों को खोया था।

सुरक्षा तंत्र की नाकामी को लेकर और भी बहुत सारे सवाल हैं, जिन्हें पीछे धकेल कर गोदी मीडिया इस आतंकी हमले को ‘धर्म युद्ध’ में तब्दील करने के ‘असाइंमेंट’ में जुट गया है।